29 November 2010

Amitabh से पहली मुलाकात...

Star Plus के Basement में बने Hall में हम सांसे थामे बैठे थे… कि अचानक, Amitabh Bachchan हवा के झौंके की तरह, Hall में दाखिल हुए… और सीधे आकर अपनी कुर्सी पर बैठ गए… Sports track suit उन्होंने पहना हुआ था, और सर पर Cap… देखने में Actor कम और खिलाड़ी ज्यादा लग रहे थे… आसपास के लोगों ने खुसुर फुसर करके हमें बताया कि बच्चन साब, सीधे Gym से यहां आते हैं… वो कौन बनेगा करोड़पति के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं…

Amitabh Bachchan ने कुर्सी पर बैठते ही एक नज़र पूरे Hall पर डाली… बाकी चेहरे तो उन्हें पहचाने लगे… सिर्फ मैं और मेरा दोस्त ही अजनबी थे… उन नज़र एक पल के लिए हम लोगों पर ठहरी… पर हम लोगों में ऐसी कोई बात नहीं थी, कि हमें एक पल से और ज्यादा समय के लिए देखा जाता… खैर ख़ेल की शुरूआत हुई, हमने देखा… कि Bachchan जी ने ठीकठाक ढंग से… उस दिन का खेल समाप्त किया… Music Cues कुछ आगे पीछे हुए… थोड़े से नियम पढ़े गए… जो कि सामने TelePrompTer पर चल रहे थे। इसकी अच्छी बात हमें ये लगी, कि इस Show में देवनागिरी का ही उपयोग किया जा रहा था, वर्ना TV और फिल्म जगत में, Roman अंग्रेजी में, हिंदी लिखी जाती है…

मेरे दोस्त Syed riyaz ने बचपन से एक अनोखी जिद पाल रखी थी… कि जीवन में कभी Amitabh Bachchan से मिलने का अवसर आया, तो मैं तभी मिलूंगा, जब कोई उनका बाकायदा परिचय कराए… और Amitabh इत्मिनान से उससे हाथ मिलाएं… ये बात उसने मुझसे पहले ही कही थी… और मैने कई बार इसे हंसी में उड़ा दिया था… कि Amitabh Bachchan के Autograph लेने में भी, भीड़ को चीरना पड़ता है, और ये जनाब… हाथ, वो भी इत्मिनान से मिलाने के सपने देख रहे थे…

ख़ैर हम चुपचाप बैठे रहे, ख़ेल खत्म हुआ… Siddhartha Basu बताने लगे, कि आज की Rehearsals में क्या ठीक रहा, किस Point पर ध्यान देना ज़रूरी है, वगैरह वगैरह… Amitabh ji एक Student की तरह, सब सुनते रहे… न जाने Siddhartha को क्या सूझी… उन्होंने Amitabh ji से कहा… Sir, एक Writer जो TV में काफी लिख रहा है, और मैंने इन्हें यहां बुलाया है, और इनसे भी लिखने को कहा है… ये सुनते ही, हम अपनी अपनी कुर्सियों से उठे और नमस्कार करते हुए… Amitabh Bachchan के सामने खड़े हो गए… Sidhartha ने पहले मेरा परिचय कराया.. Amitabh ने कहा… "नमस्कार मैं अमिताभ बच्चन…" एक महानायक के मुंह से खुद का परिचय सुनकर, बदन में सनसनी दौड़ गई… जिसके लिए, हम कितने Cinema Halls की Lines धक्के खाते रहे… उनकी नकल करने की कोशिश करते रहे, जिसे देख पाना ही अपने आप में ही शायद, बहुत बड़ी उपलब्धि थी, वही शख्स, मुझ से हाथ मिलाते हुए… अपना परिचय दे रहा था… फिर Syed Riyaz का परिचय हुआ… इस बार मुझे खुशी ज्यादा हुई… क्योंकि Syed ने जो सपना देखा था, वो सच हो गया था, Amitabh उनसे Hand Shake कर रहे थे…

Amitabh ji ने बड़े ध्यान से हमारा परिचय सुना… जिसमें कहा गया था, कि ये लोग इस समय बहुत ही Popular Show लिख रहे हैं… जिसका नाम है Movers and Shakers… सुनते ही Amitabh ji की आंखों में चमक आ गई… वो मेरी आंखों में आंखे डालते हुए बोले, अच्छा वही Show जो मेरे और मेरे परिवार के बारे में अक्सर मज़ाक बनाता रहता है… Amitabh ने अचानक गोली दागी थी, बचाव का कोई रास्ता नहीं था… सिवाय खिसियानी हंसी के… मैंने कहा नहीं Sir… इस Show में चार पांच Writers हैं… शायद उन्होंने लिखा होगा, लेकिन मैंने कभी नहीं लिखा… Comment मज़ाकिया लहजे में किया था, इसलिए बात भी मज़ाकिया लहज़े में ही निकल गई… और ये तय हुआ कि कल मैं कुछ लिखकर लाऊंगा, अगर पसंद आया तो, KBC Team में शामिल कर लिया जाऊंगा… मैंने मन में सोचा, कि अब Movers and Shakers वाली बात, आ ही गई है, इसलिए, मैं कुछ भी लिखूं, यहां अपनी दाल नहीं गलने वाली… ख़ैर Amitabh ji जिस तेज़ी से अंदर घुसे थे, उसी तेज़ी से, बाहर निकल गए…

जिस लेखक ने Amitabh की Rehearsals के लिए लिखा था, उनकी भाषा पर पकड़ बहुत अच्छी थी, लेकिन उनकी भाषा TV की भाषा नहीं थी, उसमें किताबी Lines ज्यादा थीं, वो सरकारी विज्ञप्ति की भाषा मालूम होती थी… बाद में पता चला कि वो लिखने वाले, दिल्ली के बहुत ही जाने माने पत्रकार हैं… इसलिए शायद TV की भाषा पर भले उनकी पकड़ न हो, लेकिन योग्यता में वो मुझसे कहीं ज्यादा सक्षम थे… जबकि में पिछले दो तीन सालों से TV लिख रहा था, इसलिए इस मामले में अनुभव मेरा ज्यादा था… और उसी अनुभव के आधार पर, मैंने चार पांच Sample Draft तैयार कर लिए, और उसी निर्धारित समय पर Rehearsals Hall पहुंच गया… एक दो लेखक और भी पहुंचे थे, अपनी अपनी Scripts के साथ। हम सब चुपचाप बैठ गए… उसी तरह से Amit जी आए… आज वो थोड़ा Late थे, उन्होंने आते ही माफी मांगी, कहा साकीनाका इलाके का Traffic बहुत ही बेकार हो जाता है, शाम के समय…

Rehearsal हुई… धड़कन थी, कि इतनी तेज़, जैसे दस मील दूर दौड़ कर आया हू… क्योंकि अब जो मैंने लिखा था, उसे हिंदी फिल्मों का महानायक या तो पढ़ने वाला था… या फिर मुझसे सुनने वाला था… Amitabh Bachchan के सामने अपनी Lines पढ़ना, वो भी पहली बार… पैर थे कि अभी से कांपने शुरू हो गए थे… Sidhartha ने मन में ही तय कर लिया था, कि आज सिर्फ 2 Writers की ही Script पढ़ने को देंगे… जिनमें एक मैं था… और उनमें मेरा पहला ही Number था… जैसे ही Rehearsals खत्म हुई… Sidhartha ने मुझे बुलाया और कहा Sir … RD कुछ लेकर आया है… (TV की दुनिया में मुझे लोग RD ही बुलाते हैं) मैंने पढ़ कर सुनाने के लिए पन्ना अपने सामने किया… लेकिन बच्चन जी ने इशारा किया कि वो खुद ही पढ़ेंगे… एक तरफ खुशी हुई कि अपनी लड़खड़ाती ज़बान में पढ़ने से बच गया… लेकिन दूसरी तरफ ये भी घबराहट होने लगी… कि अपनी LInes Amitabh Bachchan के मुंह से कैसी लगेगी… और Amit Ji ने अपनी आवाज़ में KBC के बारे में मेरे लिखे पहले विचार पढ़े…

" welcome, Good Evening & नमस्कार!! क्या आपने कभी सोचा है, कि अगर आप 20 हज़ार रूपये महीने के हिसाब से कमाएं, तो आपको एक करोड़ रूपये कमाने में कितना वक्त लगेगा? दस साल, बीस साल, या फिर तीस साल… जी नहीं, करीब करीब 50 साल यानि आधी शताब्दि… और अगर मैं ये वक्त, 50 साल से घटाकर 50 मिनिट कर दूं तो? आप सोच रहे होंगे कि ये कोई जादू है या चमत्कार..? जी नहीं, ये और कुछ भी नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा Show है – कौन बनेगा करोड़पति""

पढ़कर Amitabh जी ने, कोई बहुत ज्यादा खुशी तो ज़ाहिर नहीं की… बस उन्होंने यही कहा, कि अच्छा है…। लेकिन दूसरे लोगों ने मुझे बताया कि ये Lines एकदम सही बैठती थी, इनसे पता चलता था, कि एक आदमी के लिए एक करोड़ कितनी दूर है... और इस Show के ज़रिए, कितनी पास… इस तरह के विचार से एक आम आदमी का Show से जुड़ाव तुरंत हो जाता था… उन्ही लोगों ने मुझे ये भी बताया कि, Amit Ji ने, इतना कहा, यानि उन्हें पसंद आया था… क्योंकि अब तक कि बाकी Scripts पढ़कर, उन्होंने कोई प्रतिक्रिया ही नहीं दी थी…

उसके बाद, पैसों की और Contract संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई… और जो चार पांच Writers को लेने की बात चल रही थी, मुझे पता चला… कि ये Show मैं ही लिखूंगा, क्योंकि Amit Ji मेरी Style से Comfortable हैं…

Set अब तक तैयार हो चुका था… उसे देखकर कार्यक्रम की विशालता का पता चला… अब मैं आपको बताऊंगा, कि set पर क्या क्या घटनाएं हुईं… और इस दौरान मुझे जिंदगी की कौन कौन सी सीखें जाने अनजाने में, Amitabh Bachchan मुझे सिखाते चले गए…

जल्द ही मिलूंगा, शायद कल ही…

RD Tailang

Mumbai

28 November 2010

"KBC 2000" की शुरूआत...


2000 में Television पर MTV और Channel [V] ही छाया हुआ था। Sony Tv पर Movers and Shakers कार्यक्रम सफलता पर था… वहीं फिल्मों की हालत बहुत खराब थी। दर्शकों ने Theaters की ओर जाना ही छोड़ दिया था… फिल्मों के बड़े बड़े सितारे, Zee Tv के Serials में दिखाई दे रहे थे… ऐसे में हिंदी फिल्मों के महानायक Amitabh Bachchan भी एक बहुत ही बुरे दौर से गुज़र रहे थे… ABCL की असफलता ने उन्हें आर्थिक रूप से झकझोर कर रख दिया था… तो दूसरी ओर अपनी आर्थिक परेशानियों को दूर करने की कोशिश में, उन्होंने Lal Badshah, Mratyudata Kohram Suryavansham जैसी फिल्में कीं, इससे उनकी महानायक वाली Image भी डगमगाने लगी थी… ऊपर से Income Tax और Bank Loan न चुका पाने के Notices की खबरें दर्शक चटख़ारे लेकर पढ़ रहे थे।

ये सारा माहौल Movers and Shakers जैसे Stand up comedy के Programme के लिए मानो बहुत ही मसालेदार चारा था... हंसी उड़ाने के लिए, लेखक को और क्या चाहिए… मैं उन दिनों यही Show लिख रहा था.. Shekhar Suman अपने चरम पर थे… हम जो लिखते थे, वो उसे और भी बेहतर बनाकर पर्दे पर ऐसे पेश करते थे, कि दर्शक सुनकर हंस पड़ता था, और जिस पर Punch बनाया जाता था, वो शायद तिलमिला कर रह जाता होगा… लेकिन हमने कभी मर्यादा पार नहीं की... हमने भले ही व्यक्ति के काम की, व्यक्ति की हंसी उड़ाई हो, लेकिन, उसके हालातों पर हम कभी नहीं हंसे... मगर हम एक बहुत ही सफल Show लिख रहे थे, और इस बात का हमें गुरूर था…

ऐसे में एक दिन दोपहर में खाना खाते समय… STAR TV पर एक AD आया… जिसमें बस दो कुर्सियां और उसमें एक कुर्सी पर Amitabh Bachchan बैठे थे ... और दूसरी कुर्सी खाली... अंधेरा सा Set और Amitabh दर्शकों की आंखों में आंखे डालकर कह रहे थे – "मैं यहां, आप वहां… हमारे बीच में 15 सवाल… और आप जीत सकते हैं… एक शून्य शून्य शून्य शून्य शून्य शून्य शून्य… यानि एक करोड़ रूपये… कौन बनेगा करोड़पति"... ये देखकर पूरा देश दंग रह गया… और खाना खाते खाते मैं भी…

पहली बार बड़े पर्दे का महानायक… छोटे पर्दे पर बैठा था… पहली बार एक करोड़ रूपये … का ईनाम सुना गया… वर्ना उन दिनों Quiz show में आमतौर पर पहला ईनाम 10 हज़ार रूपये का होता था… और Bumper ईनाम Maruti 800 Car होती थी… लेकिन यहां Amitabh Bachchan एक करोड़ रूपये देने की बात कर रहे थे… वो भी शुद्ध् हिंदी में… वर्ना MTV और Channel [V] की Hinglish में कौन शून्य जैसे शब्द का प्रयोग करता … ये सब देखकर अच्छा लगा… पहले ही Promo में बात जम गई…

न जाने क्यों लेखक के तौर पर, मन में ऐसा लगा कि ये मेरे पास लिखने को क्यों नहीं आया… आखिरकार मैं भी तो लेखक ही हूं और Television में एक सफल Show लिख रहा हूं… फिर मैंने अपने मन को समझा लिया… इतना बड़ा Show है, 1 करोड़ रूपये हैं, Amitabh Bachchan हैं, तो शायद बड़े बड़े लोग ही इसमें होंगे… शायद फिल्मों का कोई बड़ा लेखक ही इसको लिखेगा… मन खुद ही मचला, और खुद ही समझ गया...

शायद एक दो दिन निकल गए… Movers and Shakers की Meeting थी… रास्ते में अपने एक दोस्त Syed Riyaz से मिलना था, Andheri Station पर… उनका इंतज़ार कर ही रहा था, कि मेरे Mobile पर एक Phone आया… उन दिनों Incoming call के भी पैसे लगते थे, इसलिए हम लोगों की कोशिश होती थी, कि Phone पर तुरंत बात की जाए… या फिर Number देखकर, किसी PCO से एक रूपया का सिक्का डालकर Phone कर लिया जाए… लेकिन मेरी एक पुरानी दोस्त का Phone था… इसलिए मैंने उठा लिया… उसने कहा एक बहुत ही Urgent काम है… जल्दी से एक जगह पहुंचो वहां पर एक Company का Office है जिसका नाम है Synergy Communications.

Syed Riyaz मेरे दोस्त तब तक Station पर आ चुके थे, मैं उन्हे ही लेकर, बताए पते पर पहुंच गया… अपनी दोस्त से मिला… एक छोटे से Hall में दो तीन Plastic की कुर्सियां, और 4-5 computer पर बैठै कुछ अनजाने चेहरे… मन देखकर ही खट्टा हो गया… सोचा कि कोई नई Company है, जिसमें मेरी दोस्त काम कर रही है, और दोस्ती के नाम पर Free में या कम पैसों में कुछ Concept लिखवाना चाहती है… उसने उसी वक्त उस company के Director Siddhatrha Basu से मिलवाया… Sidhartha को हम दूरदर्शन के Quiz time से देखते चले आ रहे थे… मैं अच्छी तरह से उन्हें पहचानता था… Sidhartha ने मुस्कुराते हुए हमारा स्वागत किया – और हमसे पूछा, कि कौन बनेगा करोड़पति के बारे में जानते हो… मैंने कहा कि बिल्कुल, उसके तो Promo देखकर ही हम खुश हो गए… । वो बोले कि हम लोग वो बना रहे हैं… और हमें उस Show के लिए, young और Fresh Writers चाहिए…

उनका ये कहना था, कि हमें उनका खंडहर जैसा Office महल नज़र आने लगा, Plastic की कुर्सियां गुदगुदे सोफे नज़र आने लगे… Siddhartha ने पूछा, बताओ, एक से सौ तक की गिनती में, 5 कितनी बार आता है… हम चकरा गए… कुछ दिलचस्प बातों के बाद ये तय हुआ कि उन्हें लेखक की ज़रूरत है, लेकिन लिखेगा वही, जिसे Amitabh Bachchan Final करेंगे… वो बोले हम बहुत से Writers को Try कर रहे हैं… आप भी कुछ हमें लिख कर दो… हमने कहा ठीक है… उन्होंने Show का Format समझाया… फिर अचानक बोले, तुम लोग ऐसा क्यों नहीं करते… हर शाम को हम Amitabh Bachchan के साथ Star Plus के Basement में Practice करते हैं… तुम लोग वहीं आ जाओ… तो Show की Rehearsals भी देख लेना और Format भी समझ लेना…

मैं और मेरा दोस्त Riyaz शाम को ठीक समय से पहले Star Plus के Basement में पहुंच गए… हमें बताया गया… कि बच्चन साहब को पसंद नहीं है, कि इस वक्त बाहर का कोई आदमी वहां आए, इसलिए हमसे कहा गया कि अगर हमसे पूछा जाए, तो हम कह दें, कि हम तो Sample Player हैं, जो Practice के लिए बुलाए गए हैं…

Hall में एकदम शांति थी, सबको Amitabh Bachchan के आने का इंतज़ार था… वैसे ही जैसे जंगल में जब शेर आता है, तो उसके पहले आने की सनसनाहट जंगल के पेड़ों, पत्तों और जानवरों के बीच फैल जाती है… तब पहली बार एहसास हुआ कि Amitabh Bachchan की शख्सियत क्या है… वो आए नहीं थे, लेकिन धड़कने अभी से बढ़ गई थीं… तभी Siddhartha Basu को Phone पर सूचना मिली कि वो दरवाज़े पर आ गए हैं, वो उन्हें लेने Main Door तक गए… और हमारी सांसे जैसे अटक गई हों… Movers and Shakers में एक से एक बड़े बड़े Guest आए, लेकिन ऐसा अनुभव कभी नहीं हुआ… आखिर Amitabh Bahchan में ऐसा क्या है, कि धड़कनें उनके आने से पहले ही बढ़ रही थी…

जल्द ही, Amitabh से पहली मुलाकात… मिलते हैं… शायद कल ही…

R D Tailang

Mumbai


27 November 2010

"कौन बनेगा करोड़पति" - दस साल का सफर



कौन बनेगा करोड़पति की भारत में शुरूआत 3 July सन 2000 में Star Plus नाम के एक अनजाने से Channel पर हुई थी... अब इसे चमत्कार कहें, या कार्यक्रम की नवीनता... 7 दिनों के अंदर, इस Show ने Star Plus को सीधे NO 1 की Position पर बैठा दिया… और ऐसा बिठाया, कि दस साल हो गए Star PLus को वहां से हिलाने वाला, कोई भी नहीं आ पाया...

दस साल बाद, कौन बनेगा करोड़पति फिर आया है, 2010 में... और इस बार Sony TV पर आया, और ये Star Plus वाला अपना चमत्कार तो नहीं दोहरा पाया, लेकिन इसने मरते हुए Sony में जान फूंक दी...

मैं इस Show में लेखक के तौर पर पहले दिन, यानि सन 2000 से जुड़ा हूं… और हाल ही में इसके चौथे दौर की Shooting संपन्न हो गई है… मैं आपको कौन बनेगा करोड़पति के इन दस साल के सफर की दास्तान सुनाना चाहूंगा... कुछ खट्टी मीठी बातें… कुछ यादें… इस दौरान दो महानायकों के साथ काम करने का सौभाग्य मिला… श्री अमिताभ बच्चन, और श्री शाहरूख खान… दोनों के अनुभव, उनके काम करने की अलग अलग शैली…

ये कार्यक्रम हम सबके जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग रहा है… इस कार्यक्रम ने कईयों के जीवन को बदल दिया... कई लोग जो यहां से ईनाम जीत कर गए, उनका भाग्य परिवर्तन एक कार्यक्रम के ज़रिए हुआ है। इसकी नकल बनाने की कोशिश की गई … इसकी लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश की गई, लेकिन ये कार्यक्रम अपनी चाल से, अपने अंदाज़ में चलता ही गया... जब अन्य कार्यक्रमों में, गालियों और छिछोरेपन का खूब बोलबाला रहा, इसमें, कविताएं, छंद, प्रेरक प्रसंग जैसी चीज़ों का भरपूर उपयोग हुआ…

अब से लेकर, आने वाले कई दिनों तक जैसे जैसे मुझे समय मिलता जाएगा, मैं आपको कौन बनेगा करोड़पति के दस साल की यात्रा पर साथ ले जाऊंगा... शायद आपको पसंद आए… तो इंतज़ार कीजिए यहीं… मिलते हैं जल्द ही … शायद कल ही…
R D Tailang
Mumbai